क्या सत्ताधारी दल के विधायक पर होगी कार्रवाई? मध्यप्रदेश पुलिस ने थाने में पत्रकार के कपड़े उतरवाने का मामला।
सुनिल परमार (आईपीटी वेब पोर्टल रिपोर्टर: इंडिया)
सीधी, मध्यप्रदेश: देश के संविधान ने हमें अभिव्यक्ति की आजादी दी लिखने बोलने की वह सिर्फ किताबों में है हकीकत है कि अगर आप सत्ता के खिलाफ बोलोगे तो एक विधायक पुलिस ऑफिसर से कहकर आपको अर्धनग्न अवस्था में पहुंचा देगा और अगर मामला उछला तो पुलिस वाला सस्पेंड हो जाएगा पर उस विधायक पर क्या कार्यवाही की जिसके कहने पर पुलिस वाले ने यह कार्रवाई को अंजाम दिया असली दोषी तो वह विधायक है उस पर शिवराज मामा ने अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की अंधभक्त कह रहे हैं कि वह पत्रकार नहीं है चलो मान लिया वह इंसान तो है और इंसान होने के नाते संविधान ने उसे भी अभिव्यक्ति आजादी दी है आप किस कानून की धारा के तहत उनको अर्धनग्न किया गया उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल किया उसका जवाब कौन देगा देश के प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या पुलिस कप्तान मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारी तो निमित्त मात्र है असली अपराधी तो सत्ता का वह नेता है जिसके इशारे पर यह सब कुछ हुआ यह मामला तो वायरल हो गया देश की नजर में आ गया वरना हर रोज ऐसे कई पत्रकार आम आदमी थानों में पीटे जाते हैं गलत धाराओं लगाकर उन्हें अंदर किया जाता है आज भी जेल में कई ऐसे लोग मेर अपराधी सजा काट रहे हैं